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Saturday, June 20, 2015

Purani Bacho Wali Paheli


1. Hari Topi Wala Hai,
Lal Wardi Wala |
Khane Ke Kam Me Aaun,
Naam Kaho Lala ||

हरी टोपी वाला है,
लाल वर्दी वाला।
खाने के काम में आऊं,
नाम कहो लाला॥

2. Ek Vastu Hai Esi Bhaya,
Munh Khole Bin Khaye Jaye |
Bin Kate Tatha bina Chabye,
Khani Pade Rulaye Aaye ||

एक वस्तु है ऐसी भैया,
मुंह खोले बिन खाई जाए।
बिन काटे ततः बिन चबाए,
खानी पडे रूलाई आए॥

3. Ser Par Bartan, Mukh Me Lakdi,
Vastu Hai Ek Ajuba |
Funke Jab Phir Aansu Tapke,
Caho Ho Phir Mehbuba ||

सिर पर बर्तन, मुख में लकड़ी,
वस्तु है एक अजूबा।
फूंके जब फिर आंसू टपके,
चाहो हो फिर महबूबा॥


Monday, June 15, 2015

Ajab Paheli


1. Hum Kehlate Hai Bawan Chor,
Hamse Badhkar Koi Nahi Aur |
Caho To Hum Dil Behlaye,
Ya Phir Kangal-Nirdhan Bnaye ||

हम कहलाते है बावन चोर,
हमसे बढ़कर कोई नहीं और।
चाहो तो हम दिल बहलाए,
या फिर कंगाल-निर्धन बनाएं॥

2. Noka Rahe Pathar Ki,
Pathar Hi Hai Ush Par Swar |
Noka Sthir, Swar Chalat,
Utar Do Karke Vichar ||

नौका रहे पत्थर की,
पत्थर ही है उस पर सवार।
नौका स्थिर, सवार चलत,
उतर दो करके विचार॥

3. Garmi Ki Ritu Me,
Mera Hai Upyog Bahut Bahri |
Muje Bigokar Pite Hai Pani,
Chatni Kahte Hai Nar-Nari ||

गरमी की ऋतु में,
मेरा है उपयोग बहुत भारी।
मुझे भिगोकर पीते है पानी,
चटनी खाते है नर-नारी॥


Thursday, June 11, 2015

Bacho Wali Paheli


1. Anth Kate To Manav Hu,
Suru Kate To 'Nam' Ho Jaun |
Bech Kate To 'Jam',
Bolo-Me Kya Kehlaun?

अंत कटे तो मानव हुँ,
शुरू कटे तो 'नम' हो जाऊं।
बीच कटे तो 'जम',
बोलो-मै क्या कहलाऊं?

2. Ent Hai Lekin Makan Nahi,
Ekke Hai Par Kochvan Nahi |
Bina Tmoli Ke Chitre Paan,
Raja-Rani, Nahi Darban ||

ईंट है लेकिन मकान नहीं,
इक्के है पर कोचवान नहीं।
बिना तमोली के छितरे पान,
राजा-रानी, नहीं दरबान॥

3. Pate Ke Andar Hai Band,
Swadist Jaise Kalakand |
Bazar Ho Athwa Mela,
Kahya Jata Hai Akela ||

पते के अंदर है बंद,
स्वादिस्ट जैसे कलाकंद।
बाजार हो अथवा मेला,
खाया जाता है अकेला॥


Thursday, June 4, 2015

Best Kids Paheliyan


1. Kali To Hai, Par  Kagh Nahi,
Lambi To Hai, Par Nag Nahi,
Bal To Kahti, Par Dor Nahi,
Bandhte To Hai, Par Dhor Nahi |

काली तो है, पर काग़ नहीं,
लंबी तो है, पर नाग नहीं,
बल तो खाती, पर डोर नहीं,
बांधते तो है, पर ढोर नहीं॥

2. Pathar Par Hai Pathar,
Pathar Par Hai Paisa |
Bina Jl Ghar Bnaye,
Weh Karigar Hai Kaisa ||

पत्थर पर है पत्थर,
पत्थर पर है पैसा,
बिना जल घर बनाए,
वह कारीगर है कैसा॥

3. Ek Cheez Ko Maine Dekha,
Jis Par Hai Aneko Daant |
Bina Muh Ke Bolkar,
Karta Hai Rasili Baat ||

एक चीज़ को मैंने देखा,
जिस पर है अनेकों दांत,
बिना मुँह के बोलकर,
करता है रसीली बात॥

Wednesday, June 3, 2015

Ajab Gajb Wali New Paheliyan


1. Ek Parida Esha Dekha,
Talab Kinare Rehta Tha |
Muh Se Agni Ugalta Tha,
Punch Se Drav Ko Peta Tha||

एक परिंदा ऐसा देखा,
तालाब किनारे रहता था।
मुह से अग्नि उगलता था,
पुंछ से द्रव को पीता था॥

2.Gol-Gol Vstu Bahuteri,
Sarvotem Hu, Mano Meri| |
Isko Tum Mano Na Gap,
Main Ruth Jaun To Duniya Thap ||

गोल-गोल वस्तु बहुतेरी,
सर्वोतम हु, मानो मेरी।
इसको तुम मानो न गप,
मैं रूठ जाऊं तो दुनिया ठप॥

3. Ek Sehar Me Solha Rani,
Teen Pursh Ke Hath Bikani |
Jeena-Mrna Un Pursho Ke Hath,
Kabi Na Soyi Unke Sath ||

एक शहर में सोलह रानी,
तीन पुरूष के हाथ बिकनी।
जीना-मरना उन पुरूषों के हाथ,
कभी न सोई उनके साथ॥
बूझो मेरी अजब पहेली ?