Pages

Wednesday, June 3, 2015

Ajab Gajb Wali New Paheliyan


1. Ek Parida Esha Dekha,
Talab Kinare Rehta Tha |
Muh Se Agni Ugalta Tha,
Punch Se Drav Ko Peta Tha||

एक परिंदा ऐसा देखा,
तालाब किनारे रहता था।
मुह से अग्नि उगलता था,
पुंछ से द्रव को पीता था॥

2.Gol-Gol Vstu Bahuteri,
Sarvotem Hu, Mano Meri| |
Isko Tum Mano Na Gap,
Main Ruth Jaun To Duniya Thap ||

गोल-गोल वस्तु बहुतेरी,
सर्वोतम हु, मानो मेरी।
इसको तुम मानो न गप,
मैं रूठ जाऊं तो दुनिया ठप॥

3. Ek Sehar Me Solha Rani,
Teen Pursh Ke Hath Bikani |
Jeena-Mrna Un Pursho Ke Hath,
Kabi Na Soyi Unke Sath ||

एक शहर में सोलह रानी,
तीन पुरूष के हाथ बिकनी।
जीना-मरना उन पुरूषों के हाथ,
कभी न सोई उनके साथ॥
बूझो मेरी अजब पहेली ?


Answer
1. दीपक 














2. पहियां  


3. चोपड और पासा  

No comments:

Post a Comment