1.हाथ -पावं व् पंख नही
अग्नि है इसकी माता |
हवा के सहारे उपर -नीचे ,
रुई -सा बिछ जाता
2.वनों की रोनक हूँ
सब्ज -सी परी |
जो भी कह दो ,वो रट लूँ ,
यह है कारीगिरी |
3.एक स्त्री के दो बेटे
दोनों ही सदा रहते है लेटे|
चले यदि एक अकेला ,
दोनों का साथ अलबेला |
4.तीन आखर का मेरा नाम ,
वन -उपवन हटा है मेरा धाम |
बीच कटा तो बनी लड़ी ,
शुरू कटे पर कड़ी -कड़ी |
5.राजा के साथ दो मंत्री है ,
ले दो -दो घोड़े ,हाथी व् ऊंट |
एक -एक इन सब के आगे ,
खड़े हुए है सैनिक रंगरूट |
6.चढ़े कंठ पर हुडदंग करे ,
तरलो मे है बदनाम |
आदत मे ये शुमार है ,
बतलाओ मेरा नाम | |
7.हरा रंग ,तन पती का है ,
सबको मैं हैरान करूं |
रंग घोलकर मुझे सजाओ ,
तब मै देह को लाल करूं |
8.तीन मेरे है हाथ ,
एक पावं है टंगा रहता उल्टा ,
जब देखो तो चक्कर काटू |
सब को राहत पहुचाता | |
9.पप्पू राजा घर मे बैठे है ,
रूठे है कुछ न बोले |
कान उमेठो ,तुरन्त माने ,
झटपट अपना मुहँ खोले |
10.मोटा पेट है मेरा भाई ,
मुख है मेरा छोटा गोल |
प्यासे की मै प्यास बुझओ,
रहस्य फटाफट मेरा खोल | |
1.धुआ
2.तोता
3. चक्की के पाट
4.लकड़ी
5.शतरंज
6.शराब
7.महेंदी
8.पंखा
9.रेडियो
10.मटका
अग्नि है इसकी माता |
हवा के सहारे उपर -नीचे ,
रुई -सा बिछ जाता
2.वनों की रोनक हूँ
सब्ज -सी परी |
जो भी कह दो ,वो रट लूँ ,
यह है कारीगिरी |
3.एक स्त्री के दो बेटे
दोनों ही सदा रहते है लेटे|
चले यदि एक अकेला ,
दोनों का साथ अलबेला |
4.तीन आखर का मेरा नाम ,
वन -उपवन हटा है मेरा धाम |
बीच कटा तो बनी लड़ी ,
शुरू कटे पर कड़ी -कड़ी |
5.राजा के साथ दो मंत्री है ,
ले दो -दो घोड़े ,हाथी व् ऊंट |
एक -एक इन सब के आगे ,
खड़े हुए है सैनिक रंगरूट |
6.चढ़े कंठ पर हुडदंग करे ,
तरलो मे है बदनाम |
आदत मे ये शुमार है ,
बतलाओ मेरा नाम | |
7.हरा रंग ,तन पती का है ,
सबको मैं हैरान करूं |
रंग घोलकर मुझे सजाओ ,
तब मै देह को लाल करूं |
8.तीन मेरे है हाथ ,
एक पावं है टंगा रहता उल्टा ,
जब देखो तो चक्कर काटू |
सब को राहत पहुचाता | |
9.पप्पू राजा घर मे बैठे है ,
रूठे है कुछ न बोले |
कान उमेठो ,तुरन्त माने ,
झटपट अपना मुहँ खोले |
10.मोटा पेट है मेरा भाई ,
मुख है मेरा छोटा गोल |
प्यासे की मै प्यास बुझओ,
रहस्य फटाफट मेरा खोल | |
1.धुआ
2.तोता
3. चक्की के पाट
4.लकड़ी
5.शतरंज
6.शराब
7.महेंदी
8.पंखा
9.रेडियो
10.मटका
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