1.महफिल मे आए हैं दो भाई ,
आते ही उनकी हो गई ठुकाई |
मुख पर लगे तमाचे खाने ,
दोनों लग गये तन बजाने |
2.हरी- भरी देखो काया ,
चार आखर का नाम हैं पाया |
छुते ही मैं कुम्हला जाती हूं ,
बतलाओ क्या मैं कहलाती हूं |
3.देश मे देखा ,फिर प्रदेश देखा ,
तथा देखा कलकता |
एक अचम्भा भी हमने देखा ,
पुष्प के उपर पत्ता |
4.एक बगिया मे पुष्प अनेक ,
उन पुष्पों का राजा एक ,
बगिया मे जब चन्द्रमा आए ,
बगिया चम-चम कही -खिल जाए | |
5..एक व्रक्ष के दो तने ,
दो शाखाये दस फलियाँ|
वचित्र तमाशा इसको मानो ,
घुमे ये सडके और गलियाँ
6.देखने वाला उसे पहन न पाए ,
पहनने वाला उसे देख न पाए |
इस अजीब वस्तु का नाम बताओ
अक्लमंद होने का सबूत पाओ |
7.लगती ,खुलती हूँ और मैं ,
होती हूँ चार |
मैं नही रहूँ तो जग मे लगता ,
सब कुछ बेकार |
8.मोती की वह फसल काटता ,
उठ कर ही बड़े सवेरे |
और शाम को को वह समेटता,
फिर अपने सारे डेरे |
9.ज्वालामुखी संसार का मैं ही ;
सबसे बड़ा हूँ भाई |
नाम बताओ मेरा तो जाने ,
हवा , बीच मे आई |
10.हाथ मे रहे हरा -हरा वह ,
मुख मे जा हो जाए लाल |
नही मिठाई ,नही वह फल हैं ,
जो जाने वह बोले तत्काल |
11.तीन - चार घेरो की हैं चकरी ,
पीला उसका हैं रंग |
पोर -पोर है उसका रस मे भीगा ,
खाओ तो दूध के संग |
12.एक विचित्र लकड़ी देखी ,
जिसमे छिपी मिठाई ,
शीघ्र नाम बताकर
उसका जीभरकर करो चुसाई |
13.खड़ी -खड़ी मैं शरीर जलाऊ ,
खड़ी -खड़ी मैं दे दू अपनी जान ,
अन्धयारे मे हर घर -दुकान मे ,
आता है सब को ध्यान |
14.बहार उजली , भीतर काली ,
कागज की एक नाली हूँ |
स्वास्थ्य को कर देती चोपट ,
लत इसी मैं लगाने वाली हूँ मैं |
15.छज्जे पर बैठा है वह ,
गाता वह गाना |
भोला है, भीरु भी है,
खाता है वह दाना |
1.तबला
2.छुईमुई
3.गोभी
4.आकाश मे चन्द्रमा
5.आदमी
6.कफन
7.आँखे
8.सूरज
9.हवाई -जहाज
10.पान
11.जलेबी
12.गन्ना
13.मोमबती
14.सिगरेट
15.कबूतर
आते ही उनकी हो गई ठुकाई |
मुख पर लगे तमाचे खाने ,
दोनों लग गये तन बजाने |
2.हरी- भरी देखो काया ,
चार आखर का नाम हैं पाया |
छुते ही मैं कुम्हला जाती हूं ,
बतलाओ क्या मैं कहलाती हूं |
3.देश मे देखा ,फिर प्रदेश देखा ,
तथा देखा कलकता |
एक अचम्भा भी हमने देखा ,
पुष्प के उपर पत्ता |
4.एक बगिया मे पुष्प अनेक ,
उन पुष्पों का राजा एक ,
बगिया मे जब चन्द्रमा आए ,
बगिया चम-चम कही -खिल जाए | |
5..एक व्रक्ष के दो तने ,
दो शाखाये दस फलियाँ|
वचित्र तमाशा इसको मानो ,
घुमे ये सडके और गलियाँ
6.देखने वाला उसे पहन न पाए ,
पहनने वाला उसे देख न पाए |
इस अजीब वस्तु का नाम बताओ
अक्लमंद होने का सबूत पाओ |
7.लगती ,खुलती हूँ और मैं ,
होती हूँ चार |
मैं नही रहूँ तो जग मे लगता ,
सब कुछ बेकार |
8.मोती की वह फसल काटता ,
उठ कर ही बड़े सवेरे |
और शाम को को वह समेटता,
फिर अपने सारे डेरे |
9.ज्वालामुखी संसार का मैं ही ;
सबसे बड़ा हूँ भाई |
नाम बताओ मेरा तो जाने ,
हवा , बीच मे आई |
10.हाथ मे रहे हरा -हरा वह ,
मुख मे जा हो जाए लाल |
नही मिठाई ,नही वह फल हैं ,
जो जाने वह बोले तत्काल |
11.तीन - चार घेरो की हैं चकरी ,
पीला उसका हैं रंग |
पोर -पोर है उसका रस मे भीगा ,
खाओ तो दूध के संग |
12.एक विचित्र लकड़ी देखी ,
जिसमे छिपी मिठाई ,
शीघ्र नाम बताकर
उसका जीभरकर करो चुसाई |
13.खड़ी -खड़ी मैं शरीर जलाऊ ,
खड़ी -खड़ी मैं दे दू अपनी जान ,
अन्धयारे मे हर घर -दुकान मे ,
आता है सब को ध्यान |
14.बहार उजली , भीतर काली ,
कागज की एक नाली हूँ |
स्वास्थ्य को कर देती चोपट ,
लत इसी मैं लगाने वाली हूँ मैं |
15.छज्जे पर बैठा है वह ,
गाता वह गाना |
भोला है, भीरु भी है,
खाता है वह दाना |
1.तबला
2.छुईमुई
3.गोभी
4.आकाश मे चन्द्रमा
5.आदमी
6.कफन
7.आँखे
8.सूरज
9.हवाई -जहाज
10.पान
11.जलेबी
12.गन्ना
13.मोमबती
14.सिगरेट
15.कबूतर
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