1. Hum Kehlate Hai Bawan Chor,
Hamse Badhkar Koi Nahi Aur |
Caho To Hum Dil Behlaye,
Ya Phir Kangal-Nirdhan Bnaye ||
हम कहलाते है बावन चोर,
हमसे बढ़कर कोई नहीं और।
चाहो तो हम दिल बहलाए,
या फिर कंगाल-निर्धन बनाएं॥
2. Noka Rahe Pathar Ki,
Pathar Hi Hai Ush Par Swar |
Noka Sthir, Swar Chalat,
Utar Do Karke Vichar ||
नौका रहे पत्थर की,
पत्थर ही है उस पर सवार।
नौका स्थिर, सवार चलत,
उतर दो करके विचार॥
3. Garmi Ki Ritu Me,
Mera Hai Upyog Bahut Bahri |
Muje Bigokar Pite Hai Pani,
Chatni Kahte Hai Nar-Nari ||
गरमी की ऋतु में,
मेरा है उपयोग बहुत भारी।
मुझे भिगोकर पीते है पानी,
चटनी खाते है नर-नारी॥