Monday, April 23, 2018

Top 20 in Nutkhat Hindi Paheliyan

1.लाल -लाल पट
गोल -गोल
खाने के समय
हाय -हाय



2.चार चिड़िया
चार रंग
पिंजड़े मे
एक रंग


3.चाँद सा मुखड़ा  तन सा जख्मी ,
बिन पैरो वह चलता है ,
राज दुलारा सब का प्यारा ,
मेहनत से वह मिलता है



4.अन्दर चिलमन , बाहर चिलमन,
बीच कलेजा धडके ,
नाकु सिन्हा यों कहे,
दो -दो अंगुल सरके |



5.भोजन करने मैं चली ,
और भोजन हो गई आप |
मछलियों से कहती गई,
यह भोजन है पाप |



6.धक -धक कर  मैं हूँ  करती ,
फक-फक  धुआं  फेंकती ,
बच्चे बूढ़े  मुझ पर चढ़ते ,
निशानों पर मैं दोड़ती |



7.खड़ा द्वार पर ऐसा घोडा ,
जिसने चाहा पेट मरोड़ा |



8.छोटे से मटकुदास ,
कपड़ा पहने सौ पचास |



9.बीच ताल मे
बसे तिवारी
बे कुंजी की
लगी किवाड़ी  |



10.सीस  कटे तो दल बने
पैर हटाए बाद
पेट निकाले बल हैं |
करो शब्द यह याद |



11.मैं हूँ एक अनोखी रानी ,
पैरो से पीती  हूँ पानी |




12.तुम मेरे पीठ पर बैठो
मैं आकाश घुमाऊगा |


13.दिन मे सोये
रात मे रोये
जितना रोये
उतना खोये




14.शिवजी की जटा मे गंगा का पानी ,
जल का साधू ,बूझो  तो ज्ञानी |



15.मन्दिर मे शीश नवायें ,
मगर राह मे ठुकराये |



16.अगर नाक पर चढ़ जाऊ ,
कान पकड़ कर तुम्हे पढ़ाऊ |



17.काला हूँ  कलूटा  हूँ  ,
हलवा पूरी खिलाता हूँ  |


18.लाल-लाल आँखे
लम्बे -लम्बे  कान
रुई का फुहासा ,
बोलो क्या हैं उसका नाम  ?



19.आई गर्मी, आया मैं
बच्चो के मन  भाया मैं,
गुठली चुसो या फैंको ,
लाल सुनहरा आया मैं  |




20.सिर  पर जिसके कलगी लाल ,
हरी सुनहरी दुम ,
कुकड के करने वाला ,
 बोलो  क्या कहते हो तुम  ?




Friday, April 13, 2018

TOP 15 Best Hindi Pahaliyans

1.महफिल  मे आए हैं दो भाई ,
आते ही उनकी हो गई ठुकाई |
मुख पर लगे तमाचे खाने ,
दोनों लग  गये तन बजाने |


2.हरी- भरी देखो काया ,
चार आखर का नाम हैं पाया |
छुते ही मैं कुम्हला जाती हूं ,
बतलाओ क्या मैं कहलाती हूं |


3.देश मे देखा ,फिर प्रदेश देखा ,
तथा देखा कलकता |
एक अचम्भा  भी हमने देखा ,
पुष्प के उपर पत्ता |


4.एक बगिया मे पुष्प अनेक ,
उन पुष्पों का राजा एक ,
बगिया  मे जब चन्द्रमा आए ,
बगिया चम-चम कही -खिल जाए | |


5..एक  व्रक्ष के दो तने ,
दो शाखाये दस   फलियाँ|
वचित्र तमाशा इसको  मानो ,
घुमे ये सडके और गलियाँ



6.देखने वाला उसे पहन न पाए ,
पहनने वाला उसे देख न पाए |
इस अजीब वस्तु का नाम बताओ
अक्लमंद  होने का सबूत पाओ |


7.लगती ,खुलती हूँ  और मैं ,
होती हूँ चार |
मैं नही रहूँ तो जग मे लगता ,
सब कुछ  बेकार |


8.मोती की वह फसल काटता ,
उठ कर ही बड़े सवेरे |
और शाम को को वह समेटता,
फिर अपने सारे डेरे  |


9.ज्वालामुखी  संसार का मैं ही ;
सबसे बड़ा हूँ  भाई  |
नाम बताओ मेरा तो जाने ,
हवा , बीच मे आई |



10.हाथ मे रहे  हरा -हरा वह ,
मुख मे जा हो जाए लाल |
नही मिठाई ,नही  वह फल  हैं ,
जो जाने वह बोले तत्काल |


11.तीन - चार घेरो की हैं चकरी ,
पीला उसका हैं रंग |
पोर -पोर है उसका रस मे भीगा ,
खाओ तो दूध  के संग  |


12.एक विचित्र  लकड़ी देखी ,
जिसमे छिपी मिठाई ,
शीघ्र नाम बताकर
उसका जीभरकर करो चुसाई |


13.खड़ी -खड़ी मैं शरीर  जलाऊ ,
खड़ी -खड़ी मैं दे दू  अपनी जान ,
अन्धयारे मे हर घर -दुकान मे ,
आता है सब को ध्यान  |



14.बहार उजली , भीतर काली ,
कागज की एक नाली हूँ  |
स्वास्थ्य को कर देती चोपट ,
लत इसी मैं लगाने वाली हूँ मैं |


15.छज्जे पर बैठा है वह ,
गाता वह गाना |
भोला है, भीरु भी है,
खाता है वह दाना  |




Monday, April 2, 2018

Top 15 in Latest Hindi Pahaliyan

1.एक है कोठरी हर घर मे ,
कही न बिस्तर पाए  |
पानी शीश से गुजरता है ,
चेतत है कोई नाहि |


2.एक कथा मै कहू
सुन रे मेरे पूत !
बिना प्राण के उड़ चला ,
बांध गले मे अपने सूत


3.तीन अख़बार का मेरा नाम ,
सबसे ऊँचा  है मेरा मान  |
बीच कटे तो रहू  पड़ी ,
शुरू कटे तो बस गडी |


4.हाथ बांधा ,पावं बांधा ,
मुख को भी दीया बांध |
दो थाल दोनों बंधे ,
बंधे से बचे नही कांध |


5.हला जाए,वापिस नही आए.
जाता  हुआ भी ,दिख नही पाए |
हर कोई उसके गुण पाए ,
वही हमेशा बलवान कहाए | |


6.हमने देखा एक खजाना
लुट सके कोई जिसको ना |
दोनों हाथ से जो भी बांटे
ये दौलत तो बढती जाए |


7.आता है सुबह ,
शाम को जाता है|
कभी नही घर ,
का पता बताता | |


8.शीश कटे तो बचत है |
सिर्फ वामे हाड ,
धड काटो तो फिर पड़ जाए |
ऊँचा नो -दस का ताड


9.यु तो हूँ बेजान वस्तु मैं
न पीती हूँ न खाती हूँ |
फिर भी कोई करे पिटाई ,
तो दिल भर चिल्लाती  हूँ | |


10.पानी पीते ढल  जाए उम्र ,
हवा पाये पल जाए |
पके हुए सेब सा रंग ,
तथा रवि- सा तेज सुहाए |



11.मेरे सामने जो भी आवे ,
अपनी ही सुरत पावे |
बुद्धिमान  मानु मैं उसको ,
जो भी मेरा नाम बतावे |



12.देखी एक विचित्र  वर्षा ,
हाथी खड़ा हुआ  नहाये |
बहे नही पानी प्यास बुझे  ना ,
जमीन भीगी जाये |


13.बतलाओ क्या है नाम मेरा ,
स्त्री मुझसे करे श्रंगार |
छाया रहूं उनके अधरों पर ,
पर नही बनू  कभी आहार |



14.पावं नही भागा जाए ,
घोड़े को भी हरा के आए |
पूरा जग उससे भय खाए ,
कर के पूजा उसे मनाए|


15.काली -काली है उसकी वर्दी ,
धीमी है उसकी चाल |
हर भवन मे वह फिरे घूमता ,
जैसे हो कोई कोतवाल |






Monday, March 26, 2018

Latest Hindi Pahaliya 2018 with Answer for Children

1.शीश कटे तो गल जाता
बिना पावं  के जंग छिडाता
नही व्यक्ति रहते इसमे
जानवर -पक्षी और पेड का नाता |



2.हर घर मे जाता हूँ ,
बच्चो को खूब मैं  भाता हुईं |
सब का मैं बना हूँ  मैं मामा ,
किन्तु हाथ किसी के ना आता हूँ |



3.राजा ने महल बनाया ,
ताल नही ,मगर नाम खाया |
जो कोई उस महल मे जाए,
पड़ा रहे तथा रोग भगाए |

हस्पताल

4.बोतल मे है एक बंद जिन ,
घातक जहर मे नही अभिन्न ,
जो भी खोले उसी का हो नाश ,
मुझसे दूर ही रहना आप |



5.छोटी -सी है कोठरी ,
जिसमे नही कोई इंसान ,
फिर भी वो करे ,
सदैव गाने का काम |



6.पैरो  मे कीले ,
गढवा इठलाता कौन ,
लोहा मुख मे दबा ,
दौड़ लगता कौन | |


7.हाथ पावं को एक कहो ,
पेट है मेरा देखो गहरा ,
मेरा मालिक भी सो जाए,
तो फिर भी देता पहरा |



8.तीन पावं की चम्पा रानी ,
रोज नहाने जाती |
दल भात का मजा न जाने ,
कच्चा आटा खाती ||



9.बन्दर मेरा मजा न जाने ,
आप बताओ तो जानू |
चाय सब्जी के अन्दर डलता हूँ
भूख लगाना मै जानू | | ,



10.माटी मे जीवन .है पाती,
धरती नमे मैं रहती ,
लेकिन जब दाने पा जाती ,
घनी मे जब पीसी जाती ||


Friday, March 23, 2018

Top 8 Bachcho Ki Hindi Pahaliyan

1.हमेशा नाक के नीचे  रहती
रहती हूँ मुख के उपर |
स्त्री से मैं दूर रहूँ ,
मालिक मेरा सिर्फ नर |


2.लैला की ऊँगली हूँ
मंजनू की पसली यार |
नमक तनिक सा लगा दो ,
खाने को तैयार  |

3.हिले -डुलेगा नही  वो कभी
नही कुछ भी लेगा |
छोटी पकड़ कर  मरोड़ो ,
शीघ्र घडा भर जायेगा |


4.मजेदार से मोती है
बेलो पे लटके |
नही मिले जिनको
वो कहते है खट्टे  |


5.लाल हमारी घघरी
सभी है हम सब को खावे |
हम सब को है रुलाई
हमे न कोई रुलावे |


6.औरो  के साथ चलूं  हमेशा
मंजिल तक पहुंचाऊ |
वैसे पड़ी रहूँ एक कोने मे
मैं कही नही जाऊ |

7.बाकी -बांबी है जल -भरी
उपर उसके जलती है आग |
जब भी उसे बजाओ बांसुरी
निकल उठे है काला नाग

8.दो  आखर का नाम है मेरा
किन्तु पावं है चार \
उन पावो  से चल नही पाता
 पूछ पहेली हो तैयार |





Sunday, March 18, 2018

Latest Pahaliyan in Hindi for school kids

1.हाथ -पावं व् पंख नही
अग्नि है इसकी माता |
हवा के सहारे उपर -नीचे ,
रुई -सा बिछ जाता

2.वनों की रोनक हूँ
सब्ज -सी परी |
जो भी कह दो ,वो रट लूँ ,
यह है कारीगिरी |

3.एक स्त्री के दो बेटे
दोनों ही सदा  रहते है लेटे|
चले यदि एक अकेला ,
दोनों का साथ अलबेला |


4.तीन आखर का मेरा नाम ,
वन -उपवन हटा है मेरा धाम |
बीच कटा तो बनी लड़ी ,
शुरू कटे पर कड़ी -कड़ी |


5.राजा के साथ दो मंत्री  है ,
ले दो -दो घोड़े ,हाथी व् ऊंट |
एक -एक इन  सब  के आगे ,
खड़े हुए है सैनिक  रंगरूट |


6.चढ़े  कंठ पर हुडदंग करे ,
तरलो मे है बदनाम |
आदत मे ये शुमार है ,
बतलाओ मेरा नाम | |

7.हरा रंग ,तन  पती का है ,
सबको मैं हैरान करूं |
रंग घोलकर  मुझे सजाओ ,
तब मै देह को लाल करूं |


8.तीन मेरे है हाथ ,
एक पावं है टंगा रहता  उल्टा ,
जब देखो  तो चक्कर काटू |
सब को राहत पहुचाता | |


9.पप्पू  राजा घर  मे बैठे है ,
रूठे है कुछ न बोले |
कान उमेठो ,तुरन्त माने ,
झटपट अपना मुहँ  खोले |

10.मोटा पेट है मेरा भाई ,
मुख  है मेरा छोटा  गोल |
प्यासे की मै प्यास  बुझओ,
रहस्य फटाफट मेरा खोल | |




Thursday, March 15, 2018

Bachcho Ki Nutkht Hindi Paheliyan


 

1.महेश  के पिता  के  5 लडको के नाम  बताओ | 
 १ गणेश
२ सुरेश
३ रमेश
४ अल्पेश
? ? ?
इसमे पांचवे  का  नाम  क्या होगा ?


2.डिब्बे पे डिब्बा ,
डिब्बा  का गाँव
चलती फिरती बस्ती ,
लोहे के पांव |



3.हरी -हरी मछली के
हरे -हरे अंडे ,
जल्दी से बुझिए
वरना पड़ेगे डंडे |


4.छोटा हूँ पर बड़ा कहलाता ,
रोज दही की नदी मे नहाता |


5.देखो जादूगर का हाल ,
डाले हरा निकाले लाल |


6.जब मैं जाऊ किसी के घर ,
बिन देखे वह काँपे थर -थर


7.चढ़ चौकी पर बैठे रानी ,
सर पर आग बदन पर पानी
बार -बार सर काटे जाका
कोई नाम बतावे वाका |


8.हवालात मे बंद पड़ी हूँ |
फिर भी बाहर पाओगे |
बिना पैर के सैर करू मैं
बिन मेरे मर जाओगे |


9.काली है पर काग नही ,
लम्बी है पर नाग नही |
बल खाती पर ढोर नही ,
बांधते है पर डोर नही |


10.थल मे पकड़े पैर तुम्हारे ,
जल मे पकड़े हाथ |
मुर्दा होकर भी रहता है ,
जिन्दो के साथ



Sunday, March 4, 2018

Top 15 Children Puzzles in Hindi | Bacho Ki Paheliyan

1.मै रहता हूँ  काला का काला
चाहे साबुन मे मुझको धोलो |
मै रहता हूँ  मिटटी के नीचे
नाम है मेरा झट बोलो |


2.शुरू कटे  मर जाऊ
पानी सदैव पेट  मे लाऊ |
आखिर कटे  मैं गिला करूं
बर्तनों मे ही मैं मिला करूं | |


3.वह पाले नही भैंस  या गाय
फिर भी वह दूध - मिलाई खाए |
घर बैठे ही वह करे शिकार
शेर भी गया उससे हार |


4.तीन आखर का मेरा नाम
बीच कटे रिश्ते का नाम |
आखिर कटे तो सब खाए
भारत के तीन तरफ दिखाए |
सागर

5.शुरू कटे तो कान कहलाऊ
बीच कटे ओ मन कहलाऊ |
परिवार की  मैं करू सुरक्षा
बारिश ,आंधी ,धुप  से रक्षा |


6.भैया मैं हूँ तीन पंख का
चार महीने पाता आराम |
बिजली का प्रवाह हूँ मैं सहता
घंटो  मैं तो चलता ही रहता |


7.वह मेरी जन्म भूमि है ka
महफिल है मेरा धाम |
सबके अधर लगकर देती
सुरगम का है पैगाम |


8.एक परिंदा ऐसा देखा ,
तालाब किनारे रहता था |
मुहँ से अग्नि उगलता था ,
पूंछ से द्रव  को पीता था |


9.सिर है छोटा तथा पेट बड़ा ,
तीन पैर पर रहे खड़ा |
खाता वायु और पिता तेल ,
फिर दिखलाता है अपना खेल |


10.एक जानवर है ऐसा ,
जिसकी दुम पर पैसा |
ताज पहने सर पर ,
राजा के जैसा |

11.बतलाओ ऐसी दो बहने ,
संग हँसती है ,संग गाती है |
उजले काले वस्त्र पहने ,
पर मिल कभी न पाती है |

12.द्वार पर दीवार
चिपकी ऐसी ही पड़ी है |
काम कबहूं नही करत ,
खाने पर दृष्टि  गडी है |


13.नित्य सवेरे आता है ,
नये -नये समाचार लाता है |
जो कोई पढ़ाता है उसको ,
बुद्धिमान वो बन जाता है |


14.दो अक्षर का  नाम मेरा,
आता हूँ खाने मे काम |
उल्टा लिखदो नाच दिखाऊ ,
फिर क्यों अपना नाम छिपाऊ ?


15.छत मे एक अजूबा देखा ,
लाल तवे को चलते देखा |
दिन भर फेरा करता रहता ,
पूरब से पशिचम को चलता |





Friday, February 23, 2018

Top 15 Bachho Ki Paheliyan in 2018

1.बेल से वो पैदा  होवे , रंग  से वो भूरी हैं |
भाई लोगो पहेली बूझो  ,अधूरी नही वो पूरी हैं |


2.एक किले मे चालीस, सबका हैं मुहँ  काला |
पूंछ पकड़ कर रगड  लगाओ ,झट कर दे उजियाला |



3.एक नर मै देखी कार, बच्चा हर  जने हर वो नारी |
बच्चा होते माँ  को खाये, बच्चा मरे तो माँ की जय |



4.पड़ी रहे धड के बिना, गाड़ी मिटे सिर हिन् |
मग करे पग रहत हैं ,अक्षर केवल तीन |



5.वह हमको देती आराम
यह ऊँची तो ऊँचा नाम
बड़े -बड़े लोगो को देखा
इसके लिए होता संग्राम


6.जा  को जोड़ बने जापान
बड़े -बडो के मुहँ  की शान |


7.बूझो भैया एक पहेली
जब काटो तो नई नवेली |



8.हरा हूँ  पर पता नही,
नकलची हूँ पर बन्दर नही ,
बूझो तो मेरा नाम सही |



9.कद के छोटे  कर्म के हिन्
बिन -बजाने के शोकीन  ?


10.रोज शाम आती हूँ  मै
रोज सवेरे जाती  हूँ ,
नीद न मझको समझना
यधिप तुम्हे सुलाती हूँ |



11.दबे पावं घुस जाती
चीज चट कर जाती ,
जब पकड़े उसे दोड़कर ,
छु  मन्त्र हो जाती |


 12.गर्मी मे वह देखता
सर्दी मे घायब हो जाता |


13.कातिल ,पर दोषी नही
उजला उसका रंग ,
बतीस के दल मे रहे ,
सदा रहे एक संग  |


14.हरी -हरी पूंछ
सफेद घोडा
बताने मे समय
मैं लेता बहुत थोडा |


15.मै अलबेला कारीगर
काटू काली घास
राजा ,रंक और सिपाही
सिर झुकाते मेरे  पास |


Tuesday, February 20, 2018

Latest Hindi Paheliyan 2018 with Answer for childens

1.तीन रंग के सुंदर  पक्षी,
नील गगन मे भरे उडान,
यह है सब की आँखों का तारा ,
हम सब इसको करते सम्मान |


2.खुशबु  है पर फूल नही ,
जलती है पर ईर्ष्या  नही |


3.चुपके से मै  आती  हू ,
तुमको रोज सुलाती हू ,
आहट पाकर सूरज की ,
जल्दी से भाग जाती हू |


4.काला -काला गोल तवे सा ,
रोटी नही पकाऊ,
सुई के तन मे चुभते ही ,
गाना तुम्हे  सुनाऊ |

.
5.जाने कहाँ किधर से आता,
फिर न जाने क्यों छिपकर जाता |
असमान मे पेड़ दिखाई
सात  रंग से रखता नाता |


6.कट-कट गया हुआ हल ,
सब्जी खायेगे  उसे हम  कल |


7.ऐसा कोंन सा अनाज है
जिसकी टेढ़ी  नाक है |

8.  लाल गाय लकड़ी खाय ,
पानी पीये मर जाये |


9.ये  धनुष  है सब को भाता ,
मगर लड़ने के काम न आता |

10.जरा -सी बिटिया
गजभर की चुटिया |


11.बारह  घोड़े  30 गाडी ,
365 करे सवारी  |



12.एक हाथ का प्राणी अचल ,
हाथ हिलाओ निकले जल |


13.खाते है इसको सब ,
लेकिन स्वाद  न कोई बता सका |
लोग खिलाते भी है लेकिन ,
उसे न कोई चखा सका |


14.ब्राहा  का पिता ,चन्दा का साला .
कीचड़ मे खिला उसको पाला |


15.लकड़ी के घोड़े को
लोहे की लगाम ?


16.लाल हरे सब मोती से
पैदा होते खेती से
बड़े दूर से आते है
बड़े चाव से खाते है |


17.वह घर मे भी होता है,
शाला मे भी होता है,
रोज बलती घर मे माँ ,
टीचर जी ने सही कहा |


18.हरा घेरा पीला मकान ,
उसमे रहता काला इंसान ?


19.रात मे है ,पर दिन मे नही ,
चतुर मे है ,पर चालाक मे नही ,
स्वर मे है, वर व्यंजन मे नही |

20.एक गोड दो बाहिया
मोड़ ससुर के हैयाँ |

21.अंधे मुझको  नही जानते,
काना कुछ पहचाने ,
जिनको दिखाई कम देता ,
वे मेरे दीवाने |


22.है पानी का मेरा चोला ,
हूँ  सफेद आलू -सा गोला |
कही उलटयदि मझको पाओ,
लाओ -लाओ कहते जाओ |


23.एक पैर है काली धोती
जाड़े मे हूँ हरदम सोती
गर्मी मे हूँ  छाया देती
वर्षा  मे हूँ हरदम रोती |


24. जादू के डंडे को देखो ,
बिन तेल बिन बाती,
नाक दबाते तुरन्त रोशनी .
सभी और फैलाती |


25.दो अक्षर का मेरा नाम
सर को ढकना मेरा काम |


26.सिर पर कलगी पर मैं न चन्दा
गरजे बादल, नाचे बन्दा |


Wednesday, February 14, 2018

Hidi Paheliyan Bujjo To Jane Latest 2018 with answer
















1. वो  क्या  चीज  है  जिसे  हम  पिसते है ,
मेज  पर  रखते  है , पर  खाते  नही ?
बताओ क्या


2. बिन पंख  के उड़े  आकाश ,
लम्बी  पूछ  हमारे  हाथ !
बताओ क्या ?

3.सभी  खाली स्थान मे एक ही शब्द  भरो ;
एक गली मे -----बच्चे खेल रहे  थे !
उस गली मे से एक -----औरत  गुजरी !
उस औरत  ने हाथ मे -----पकड़ी थी !
----बच्चो ने उस ----औरत की ----गिरा दी !



4.१ शहद से  ज्यादा  मीठा ........ है!
२ सूरज से ज्यादा  गर्म .........है!
३ बादशाह  को ............. चाहिय !
४ फकीर के पास ..................है!
५ जो ....... खायेगा वह मर जायेगा !

  पांचो खाली स्थानों पर एक ही शब्द भरो !


5.मै मरु, मै  कटु,
तुम क्यों  रोते  हो ?

बताओ क्या ?


6.दो बेटे और  दो बाप सर्कस देखने गये  !
उनके पास केवल ३ टिकेट थी  ,
फिर भी सबने सर्कस देखी !

केसे ?


7.अगर एक किर्कट  मैच  मे १० गेंद पर लगातार
१० खिलाडी  आउट हो गये तो कोन से नंबर  का
खिलाडी नाबाद  रहेगा  ? 




8.जब ये जलते है ,तो रोते  है ,
सब इन्हे जलाकर खुश होते  है ,

बतायो  क्या ?



9.भिखारी  नही पर पैसे  मांगता हू ;
लडकी नही हू  पर पर्स इस्तमाल  करता हू ;
रेफरी भी नही पर सीटी बजाता हू ;
बताओ  कोंन  हू मै  ?



10.बताओ  वह कोंन सी सब्जी है
जिसमे ताला और चाबी दोनों आते है !
 बताओ  क्या ?




11.काला घोडा,  सफेद की सवारी ,
एक उतरा तो दुसरे की बारी ,
   बताओ  क्या ?       


12.आपके ही घर  आये तीन अक्षर का नाम बताये ;
शुरू के रो अति हो जाये ,अंतिम  दो से तिथि बन जाये !

  बताओ  क्या ?




13.मुर्गी  अंडा  देती  है
और गाये दूध देती है !
पर ऐसा कोन है  जो अंडा और दूध
दोनों देते है ?



14. नोच -नोच कर  खाता मास ;
जिव है यह दुनिया का ये  खास ;
दो अक्षर का छोटा नाम ;
लेकिन इसका मोटा काम ;
उड़ता रहता सुबह शाम ;

 बताओ  क्या ?

       
15. जितनी ज्यादा सेवा करता ;
उतना घटता  जाता  हू !
सभी रंग का नीला-पीला;
पानी के संग भाता हू  !

बताओ  क्या ?



16. प्रथम कटे तो दर हो जाऊ ;
अंत कटे तो बंद हो जाऊ;
केला मिले तो खाता जाऊ ;
बताओ कोन  हू मै  ?



17. यह कैसे मुमकिन हो सकता है
कि जेब मे कुछ तो फिर भी जेब खाली हो ?

बताओ  क्या ?


18. ऐसा कोंन सा कागज  है जो है तो आपका
लेकिन अगर उस पर आपके हस्ताक्षर हो
तो वो  अमाननीय हो जायेगा  !



19.लाल घोडा रुका रहे  ;
काला घोडा भागता जाये !
बताओ  क्या ?



20.लाल मुह की छोकरी
हरियर  फीता गथाये,
निकले कहू बाजार मे ,
त हाथो -हाथ बेचाए !
  बताओ  क्या ?


21. एक पुल (Bridge) है ,
उस पर से सिर्फ एक ही Taxi जा सकती है,उतनी ही जगह है |
अब दोनों और से  Taxi वाले आते है....और दोनों एक साथ
बिना रुके चले जाते है..
 बोलो  कैसे ?




Wednesday, May 10, 2017

Nutkhat Paheli

1.Ek Ped Ki Tees Hein Dali ,
Aadhi Sfad Aur Aadhi Kali |


एक पेड़  की तीस है डाली,
आधी सफेद  और आधी काली|

 ,
2.Rat Gali M Khda-Khada ,
Danda Leker Bada-Bada|
Rho Jagte Hoshiyar,
Khta Vo Baar-Baar |



रात गली में खड़ा -खड़ा ,
डंडा लेकर बड़ा -बड़ा |
रहो  जागते होशियार ,
कहता वो बार -बार |