1.लाल -लाल पट
गोल -गोल
खाने के समय
हाय -हाय
2.चार चिड़िया
चार रंग
पिंजड़े मे
एक रंग
3.चाँद सा मुखड़ा तन सा जख्मी ,
बिन पैरो वह चलता है ,
राज दुलारा सब का प्यारा ,
मेहनत से वह मिलता है
4.अन्दर चिलमन , बाहर चिलमन,
बीच कलेजा धडके ,
नाकु सिन्हा यों कहे,
दो -दो अंगुल सरके |
5.भोजन करने मैं चली ,
और भोजन हो गई आप |
मछलियों से कहती गई,
यह भोजन है पाप |
6.धक -धक कर मैं हूँ करती ,
फक-फक धुआं फेंकती ,
बच्चे बूढ़े मुझ पर चढ़ते ,
निशानों पर मैं दोड़ती |
7.खड़ा द्वार पर ऐसा घोडा ,
जिसने चाहा पेट मरोड़ा |
8.छोटे से मटकुदास ,
कपड़ा पहने सौ पचास |
9.बीच ताल मे
बसे तिवारी
बे कुंजी की
लगी किवाड़ी |
10.सीस कटे तो दल बने
पैर हटाए बाद
पेट निकाले बल हैं |
करो शब्द यह याद |
11.मैं हूँ एक अनोखी रानी ,
पैरो से पीती हूँ पानी |
12.तुम मेरे पीठ पर बैठो
मैं आकाश घुमाऊगा |
13.दिन मे सोये
रात मे रोये
जितना रोये
उतना खोये
14.शिवजी की जटा मे गंगा का पानी ,
जल का साधू ,बूझो तो ज्ञानी |
15.मन्दिर मे शीश नवायें ,
मगर राह मे ठुकराये |
16.अगर नाक पर चढ़ जाऊ ,
कान पकड़ कर तुम्हे पढ़ाऊ |
17.काला हूँ कलूटा हूँ ,
हलवा पूरी खिलाता हूँ |
18.लाल-लाल आँखे
लम्बे -लम्बे कान
रुई का फुहासा ,
बोलो क्या हैं उसका नाम ?
19.आई गर्मी, आया मैं
बच्चो के मन भाया मैं,
गुठली चुसो या फैंको ,
लाल सुनहरा आया मैं |
20.सिर पर जिसके कलगी लाल ,
हरी सुनहरी दुम ,
कुकड के करने वाला ,
बोलो क्या कहते हो तुम ?
गोल -गोल
खाने के समय
हाय -हाय
2.चार चिड़िया
चार रंग
पिंजड़े मे
एक रंग
3.चाँद सा मुखड़ा तन सा जख्मी ,
बिन पैरो वह चलता है ,
राज दुलारा सब का प्यारा ,
मेहनत से वह मिलता है
4.अन्दर चिलमन , बाहर चिलमन,
बीच कलेजा धडके ,
नाकु सिन्हा यों कहे,
दो -दो अंगुल सरके |
5.भोजन करने मैं चली ,
और भोजन हो गई आप |
मछलियों से कहती गई,
यह भोजन है पाप |
6.धक -धक कर मैं हूँ करती ,
फक-फक धुआं फेंकती ,
बच्चे बूढ़े मुझ पर चढ़ते ,
निशानों पर मैं दोड़ती |
7.खड़ा द्वार पर ऐसा घोडा ,
जिसने चाहा पेट मरोड़ा |
8.छोटे से मटकुदास ,
कपड़ा पहने सौ पचास |
9.बीच ताल मे
बसे तिवारी
बे कुंजी की
लगी किवाड़ी |
10.सीस कटे तो दल बने
पैर हटाए बाद
पेट निकाले बल हैं |
करो शब्द यह याद |
11.मैं हूँ एक अनोखी रानी ,
पैरो से पीती हूँ पानी |
12.तुम मेरे पीठ पर बैठो
मैं आकाश घुमाऊगा |
13.दिन मे सोये
रात मे रोये
जितना रोये
उतना खोये
14.शिवजी की जटा मे गंगा का पानी ,
जल का साधू ,बूझो तो ज्ञानी |
15.मन्दिर मे शीश नवायें ,
मगर राह मे ठुकराये |
16.अगर नाक पर चढ़ जाऊ ,
कान पकड़ कर तुम्हे पढ़ाऊ |
17.काला हूँ कलूटा हूँ ,
हलवा पूरी खिलाता हूँ |
18.लाल-लाल आँखे
लम्बे -लम्बे कान
रुई का फुहासा ,
बोलो क्या हैं उसका नाम ?
19.आई गर्मी, आया मैं
बच्चो के मन भाया मैं,
गुठली चुसो या फैंको ,
लाल सुनहरा आया मैं |
20.सिर पर जिसके कलगी लाल ,
हरी सुनहरी दुम ,
कुकड के करने वाला ,
बोलो क्या कहते हो तुम ?